एटा लाइव। पालिका अध्यक्ष मीरा गाॅधी की मुश्किले थमने का नाम नही ले रही हैं। बोर्ड बैठक की मिनट बुक पर टिप्पणी दर्ज करने के आरोप में जाॅच कमेटी ने पाया है पालिका अध्यक्ष ने अपने क्षेत्राधिकारी से बाहर जाकर निर्णय लिया है। इस जांच के आधार पर प्रशासन ने पालिकाध्यक्ष के विरुद्ध अपनी रिपोर्ट तैयार की है, जो शासन को भेजी जाएगी। इसमें शासन पालिकाध्यक्ष के वित्तीय अधिकार भी सीज कर सकता है।
11 अप्रैल को हुई एटा नगर पालिका की बोर्ड बैठक में एजेंडा के प्रस्तावों के अलावा बैठक में चर्चा के दौरान अलग से तीन प्रस्ताव स्वीकृत किए गए। यह कार्यवाही पालिका की मिनट बुक में दर्ज की गई और उस पर पालिकाध्यक्ष मीरा गांधी और प्रभारी ईओ व एएसडीएम रामदत्त राम ने हस्ताक्षर कर दिए। लेकिन इसके दो दिन बाद ही इस मामले मे हल्ला मच गया क्योंकि मिनट बुक पर पालिकाध्यक्ष की ओर से टिप्पणी दर्ज कर दी गई कि 74 सामान्य प्रस्तावों के बाद लिखी कार्यवाही अनुचित है। इस कारण निरस्त की जाती है। वहीं इनमें से एक प्रस्ताव पर सहमति भी दर्ज की गई।
विरोधी खेमे को जब इस बात की जानकारी हुई तो मामला गर्मा गया। नगरपालिका का ये मामला जिलाधिकारी के कार्यालय तक जा पहुॅचा। जिलाधिकारी ने मामले में निर्णय लेते हुये आनन-फानन में एक जाॅच कमेटी गठित कर दी। इस जाॅच कमेटी में एडीएम प्रशासन, उपायुक्त उद्योग, सहायक ट्रेजरी अधिकारी और जिला लेखाधिकारी को शामिल किया गया था। जाॅच कमेटी में जाॅच में पाया कि पालिका अध्यक्ष मीरा गाॅधी ने अपने अधिकारों को दुरूपयोग किया है वहीं अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर निर्णय लिये गये हैं। जाॅच कमेटी ने पालिकाध्यक्ष ने बोर्ड मी¨टग में सर्वसहमति से पारित किए गए प्रस्तावों को अनुचित ठहराया है।इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन मामले को शासन के संज्ञान में ले जाने की तैयारी कर रहा है। जानकारों के मुताबिक इस मामले में शासन गंभीरता बरतता है तो पालिकाध्यक्ष के वित्तीय अधिकार सीज किए जा सकते हैं। जाॅच कमेटी के रिपोर्ट के बाद दोनो खेमों में हलचल का माहौल है।
